नारियल के भारतीय परंपरा में श्रीफल भी कहल गईल बा। कई मायना में ई फल बहुत लाभकारी भी बा। मीठा और पानीदार नारियल कड़ा खोल के भीतर रहेला और हमनी के ओकरा छू भी ना सकी ला, एही वजह से एकरा के बहुत पवित्र मानल जाला।
नारियल के बिना नवरात्र के पूजा अधूरा मानल जाला। पर सवाल ई उठ रहल बा कि आखिरकार एमें अईसन का बा कि एकरा के भारतीय परंपरा में इतना ऊंचा स्थान मिलल? नारियल स्वास्थ्य खातिर त महत्वपूर्ण बा ही, साथे ही प्रतीक के तौर पे श्रीफल से कईयों संदेश और संकेत ग्रहण कईल जाला। एगो प्रतीक के तौर पे नारियल के आकार मानव-मस्तिष्क के जईसन बा। ओकर कड़ा खोल मानव के अहं के जईसन होखे ला। आपन रूखल-मजबूत अहम के तोड़ के ही हमनी के जीवन के आनंद ले सकीं ला।
नारियल के खोल पे जो रेशा के जाल होखे ला, ओकरा मानवीय विकार जैईसे ईष्र्या, द्वेष, स्वार्थ और मोह के जाल के तौर पे ग्रहण कईल जाला , जेकरा नारियल के फोडे से पहिले निकाल देवल जाला। एकरा निकलला के बाद ही निर्मल आत्मिक पवित्रता तक पहुंचल जा सके ला। ई मानव के जीवन के सत्य ह, और ईहे नारियल के भी बा! नारियल के भारतीय परंपरा में ऊंचा स्थान देवल गईल बा। एकरा के एगो फल के नजरिया से कम अध्यात्म के नजरिया से ज्यादा देखल जाला।