ईया के नुस्खा: तुलसी के काढा

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सर्दी के शुभारम्भ हो चुकल बा. शहर में त टू प्लस वन के चौहद्दी में हीटर के आगे बइठ के ओतना ठंढ ना बुझाला लेकिन घर से बाहर निकलला पर, चाहे गाँव में सर्दी ख़ास महसूस होला. केतनो कोट- स्वेटर पहीन लीं, शाल-चदरी ओढ़ लीं लेकिन तबो ठंढा लागिये जाला. अइसन हाल में लइकन के ठंढ से बचा के राखल अपने आप में एगो चुनौती बा. काहे से कि लइकन के रउआ केतनो समझा-बुझा के घर में राखे के कोशिश करेम लेकिन बिना बाहर निकल के खेलले ओकनी के मन ना मानीं. एही से लइकन के शरीर के अंदर से मजबूत अउरी गरम राखल बहुत जरुरी बा.

ठंढ में तुलसी के काढा बहुत फायदेमंद मानल जाला. तुलसी ना सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता के बढावेला बल्कि सर्दी-जुकाम वगैरह से भी बेअसर राखेला. तुलसी के काढा बनावल बहुत आसान बा.

तुलसी के काढा बनावे खातिर मुट्ठी भर तुलसी के पत्ती तोड़ ली अउरी साफ़ पानी से दू-तीन बार धो लीं. अब तीन कप पानी उबाले के रख दीं. जब पानी खौले लागे त तुलसी के पत्ता हाथ से तोड़ के पानी में डाल दीं. एकरा साथे, करीब दस काली-मिर्च,आधा इंच अदरक के टुकडा भी कूट के मिला दीं. अगर शरीर हल्का गरम बा त रउआ दालचीनी अउरी लौंग भी मिला सकेनीं. ई सब शरीर के अन्दर से गरम  राखेला. अब एकदम मद्धम आंच पर पानी के खौले दीं. तुलसी अउरी बाकी सब सामान के अंश पानी में घुल-मिल जाई. जब तीन कप पानी डेढ़ कप बाच जाए त छान के निकाल लीं. स्वाद खातिर रउआ चाहीं त बहुत हल्का गुड़ चाहे चीनी मिला सकेनीं लेकिन एकर जरूरत नइखे. जब काढा गरम रहे तबे ओमे शुद्ध घी मिलाई अउरी गरम-गरम ही पी लीं.

सर्दी, खांसी,जुकाम चाहे कवनो भी मौसमी बेमारी से तुलसी के काढा तुरंत राहत पहुंचावेला अउरी ई बहुत पुरान, सदियन से आजमावल नुस्खा ह. तुलसी के काढा दिन भर में एक से दू बेर पियल जा सकेला.

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