भोजपुरी युवा लोक गायिका चंदन तिवारी “भोजपुरी कोकिला सम्मान” से सम्मानित भइली। चंदन के ई सम्मान पश्चिम बंग भोजपुरी परिषद् के तरफ से आयोजित समारोह में प्रदान कइल गइल। दरअसल चंदन के ई सम्मान भोजपुरी लोकगीतन के स्त्री विरोधी छवि से मुक्त करावे के प्रयास खातीर मिलल बा। पश्चिम बंग भोजपुरी परिषद् बंगाल में भोजपुरी भाषा-भाषी लोगन के प्रतिष्ठित संगठन ह, जे पिछ्ला पांच दशक से सरोकार से सक्रिय बा। “भोजपुरी माटी” नामक पत्रिका के प्रकाशन इहे संस्था करत आइल बा। कोलकाता के महाजाति सदन में आयोजित एह सम्मान समारोह में बंगाल पुलिस के महानिदेशक मृत्युंजय सिंह, भोजपुरी के विद्वान लेखक अनिल ओझा निरद, परिषद के जेपी सिंह अउरी सभाजीत मिश्र लोकगायिका के सम्मानित कइल लोग। सम्मान समारोह के बाद चंदन आपन गीतन के जादू बिखेरली। शादी-ब्याह के मौसम अउरी इडेन में मैच चलला के बावजूद सभागार में दूर दूर से लोग चंदन के सुने आइल रहे। छोट-छोट लइकन के अलावा बुजुर्ग लोग तक चन्दन के लोक गायकी के आनंद लेवे से खुद के रोक ना पावल। यूट्यूब पर चंदन के फोलोवेर्स हजारो के संख्या में बाटे।
चन्दन के एसे पहिले दू गो सम्मानित पुरस्कार मिल चुकल बा। चंदन के भारत सकार के संगीत नाटक अकादमी के ओर से बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार मिलल बा। एकरा अलावा बीएजी फिल्म्स के ओर से चन्दन के श्रेष्ठ पारम्परिक लोकगायिका सम्मान भी मिल चुकल बा।
सम्मान मिलला के बाद चंदन तिवारी कहली कि “एतना मानसम्मान अउरी भरोसा खातिर धन्यवाद चाहे आभार शब्द उचित नइखे। हम जेतना अभिभूत बानीं, ओसे जादा भावुक बानीं। हम एह सम्मान के मान रखे के ताउम्र इमानदार कोशिश करेम अउरी हमेशा लोकगीत गावत रहेम।”
लोकगायिका चंदन तिवारी युवापीढ़ी खातिर प्रेरणा बाड़ी। अश्लीलता से प्रभावित भोजपुरी गीतन के एह दौर में चन्दन ठेठ भोजपुरी, मैथिली, अंगिका आदि भाषा में लोकगीतन के प्रस्तुति करेली। इतने ना, “लोक में गांधी” अउरी “लोक में राम” जइसन विषय पर चंदन के ख़ास प्रस्तुति होला।