आम जनता के कवि दिनकर के जन्मदिन पर जानीं उनकर कहानी

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राष्ट्रकवि कवि दिनकर के जन्म 23 सितंबर 1908 के बिहार के बेगुसराय जिले के सिमरिया गांव में भइल रहल| मात्र तीन साल के छोटी उम्र में उनकरा सिर से पिता के साया उठ गइल । मैट्रिक के पढ़ाई पूरी करे के बाद 1928 में दिनकर पटना आ गइलन, इहां इतिहास में ऑनर्स के साथ 1932 में उ बीए कइलन …1934 में दिनकर के बिहार सरकार के अधीन सब रजिस्ट्रार के नौकरी मिलल। लोकतंत्र के अलख जगावत क्रांतिकारी हुंकार  भरल रहत रहे दिनकर की कविता|

हिन्दी के अलावा उर्दू, संस्कृत, मैथिली आउर अंग्रेजी भाषा के भी अच्छा जानकार रहले कवि दिनकर।1947 में उ प्रचार विभाग के उपनिदेशक आउर फेर मुजफ्फरपुर कॉलेज में हिन्दी विभागाध्यक्ष बनलन। वर्ष 1952 में दिनकर के राज्यसभा के सदस्य खातिर चुनल गइल आउर 12 वर्ष तक उ राज्यसभा के सदस्य रहलन।

दिनकर हिंदी कविता के छायावाद से मुक्ति दिलाके आम जनता के बीच पहुंचे के काम कइलन। 24 अप्रैल,1974 के कवि दिनकर के निधन हो गइल।

जनवादी, राष्ट्रवादी कविता के अलावा दिनकर बच्चन खातिर भी बहुते सुंदर कविता के रचना कइले रहलन। बच्चन खातिर लिखल उनकर कविता में ‘चांद का कुर्ता’, ‘सूरज की शादी’, ‘चूहे की दिल्ली यात्रा’ प्रमुख बा। दिनकर के सशक्त लेखनी खातिर उनकरा के कई नामी पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मविभूषण, भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित करल गइल।

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