Gopalganj – Gahana Live https://www.gahanalive.com Gahana Wed, 11 Dec 2019 11:34:47 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 मंगल ग्रह पर युरोपीय शोध के टीम में बिहार के डॉ. अंशुमान एगोमात्र भारतीय https://www.gahanalive.com/bhojpuri-personalities/dr-anshuman-of-bihar-in-european-research-team-on-mars-gahana-live-2611 https://www.gahanalive.com/bhojpuri-personalities/dr-anshuman-of-bihar-in-european-research-team-on-mars-gahana-live-2611#respond Wed, 11 Dec 2019 11:32:12 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=2611 The post मंगल ग्रह पर युरोपीय शोध के टीम में बिहार के डॉ. अंशुमान एगोमात्र भारतीय appeared first on Gahana Live.

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गोपालगंज जिला के कटेया प्रखंड अंतर्गत धरहरा मेला गांव निवासी युवा वैज्ञानिक डॉ. अंशुमान भारद्वाज मंगल ग्रह पर शोध करिहन कि पानी अपना तरल रूप में रह सकेला कि नाहीं।

स्वीडन के लूलियॉ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में वायुमंडलीय अनुसंधान विभाग में प्रोफेसर डॉ. अंशुमान भारद्वाज के चयन यूरोपीय स्पेस एजेंसी के एक्सोमार्श मिशन खातीर भईल बा। चयनित सदस्य में डॉ. अंशुमान भारतीय मूल के एगोमात्र आउर सबसे युवा वैज्ञानिक बाने। मिशन के तहत एजेंसी “मंगल ग्रह पर पानी अपना तरल रूप में रह सकेला की नाहीं,” एह पर शोध करे खातीर हैबिट उपग्रह भेजी।

डॉ. अंशुमान भारद्वाज
डॉ. अंशुमान भारद्वाज

डा. अंशुमान भारद्वाज कटेया प्रखंड के धरहरा मेला गांव निवासी शिक्षक नरेंद्रधर द्विवेदी के पूत्र हईं। आउर इहां के माता जी डॉ. माया मिश्रा भी नवोदय विद्यालय के शिक्षिका हईं। डॉ. अंशुमान भारद्वाज के इंटर तक के शिक्षा नवोदय विद्यालय, वृंदावन (बेतिया) में भईल। एकरा बाद अंशुमान दिल्ली विश्वविद्यालय के बायो मेडिकल से स्नातक के डिग्री के बाद शोध कईलन। शोध पूरा होखे के बाद डीआरडीओ में वैज्ञानिक के रूप में इहां के चयन भईल। डेढ़ साल बाद डॉ. अंशुमान के चयन स्वीडन के लूलियॉ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर के पद पर भईल।

शोध तय करी मंगल पर जीवन के संभावना

अगर हैबिट उपग्रह के माध्यम से पानी के तरल रूप में रखे के मिशन सफल भईल त भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव के बसावल जा सकेला। तरल अवस्था में पानी के उपस्थिति के मंगल ग्रह पर सूक्ष्म जीवन के संभावना से भी जोड़ के देखल जा रहल बा। डॉ. अंशुमान भारद्वाज एह सफलता के श्रेय अपना माता-पिता के देत बाने।

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विलक्षण संगीतकार बिहार के लाल चित्रगुप्त के इयाद करत बेर बेर नमन https://www.gahanalive.com/bhojpuri-personalities/the-story-of-chitragupta-from-bihar-gopalganj-a-prolific-music-composer-gahana-live-2362 https://www.gahanalive.com/bhojpuri-personalities/the-story-of-chitragupta-from-bihar-gopalganj-a-prolific-music-composer-gahana-live-2362#respond Sat, 16 Nov 2019 15:47:08 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=2362 The post विलक्षण संगीतकार बिहार के लाल चित्रगुप्त के इयाद करत बेर बेर नमन appeared first on Gahana Live.

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जब जब भोजपुरी के पहिलका फिलिम के बात होला, सबके ज़बान पर एकर टाइटल सांग ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’ अपनेआप आ जाला। एह फ़िल्म के संगीतकार रहनीं बॉलीवुड अउरी भोजपुरी के कई सारा फिलिम के आपन संगीत से सजावे वाला अमर संगीतकार चित्रगुप्त।शैलेन्द्र के गीत अउरी चित्रगुप्त के लाजवाब संगीत से सुसज्जित ई फिलिम इतिहास रच देहल अउरी एही फिलिम से भोजपुरी इंडस्ट्री में नया युग के सुरुआत भईल। एह फिलिम के अलावा अउरी कईगो भोजपुरी फिलिम बा जेके चित्रगुप्त आपन संगीत देहनीं जे मील के पत्थर साबित भईल जइसे- लागी नाहीं छूटे राम, गंगा किनारे मोरा गांव,बलम परदेसिया अउरी भैयादूज इत्यादि। इहाँ के लोक -संगीत के साथे शास्त्रीय -संगीत के गहरा समझ रहल। हिंदी अउरी भोजपुरी के अलावा गुजराती अउरी पंजाबी फिल्म के संगीत में भी इहाँ के आपन योगदान देले बानी। मध्यवर्गीय समाज के तौर-तरीका वाला ज़िन्दगी के अपना संगीत से दर्शावल चित्रगुप्त के सिग्नेचर स्टाइल रहल।
अद्भुत संगीतकार चित्रगुप्त श्रीवास्तव के जन्म 16 नवम्बर यानी आजे के दिन 1917 में बिहार के गोपालगंज जिला के सबरेजी गांव में भईल। चित्रगुप्त आपन समय के सबसे जादा पढ़ल-लिखल संगीतकार के रूप में जानल जात रहनीं अउरी अर्थशास्त्र तथा पत्रकारिता में डबल एमए कइले रहनीं। इहाँ के पटना कॉलेज के व्याख्याता के रूप में पढ़ावत रहनीं लेकिन संगीत के भूख चित्रगुप्त के पटना से मुम्बई बोला लेहल। अच्छा-खासा नौकरी छोड़ के चित्रगुप्त एम.एन. त्रिपाठी के सहायक के रूप में आपन संगीत-साधना के सुरुआत कइनीं। 1946 में चित्रगुप्त के पहिला संगीतबद्ध फ़िल्म आईल लेकिन “भाभी” फ़िल्म से अपार सफलता मिलल।
ओकरा बाद त चित्रगुप्त के संगीत के कारवां रुकल ना बढ़त गईल। एक से एक बॉलीवुड फिल्म के चित्रगुप्त संगीतबद्ध कइनीं। आपन चालीस साल के करियर में 150 से जादा फ़िल्म के अपना संगीत से सजावे वाला चित्रगुप्त के प्रमुख फ़िल्म बरखा, ओपेरा हाउस, पतंग, मैं चुप रहूंगी, ऊंचे लोग, पूजा के फूल, औलाद, अफसाना, मां, वासना, बारात, किस्मत,मां,बिरादरी, नया रास्ता,शादी, नाचे नागिन बाजे बीन, काली टोपी लाल रुमाल, मेरा कसूर क्या है इत्यादि रहल। दरअसल 1950 अउरी 1960 के दशक के हिंदी फ़िल्म संगीत में चित्रगुप्त सबसे ज़्यादा प्रभावी रहनीं। लता, मुकेश अउरी रफ़ी के साथे इहाँ के कईगो अमर गीत रचले बानीं। लता मंगेशकर के सुरुआती करियर में चित्रगुप्त के संगीत के बड़ा महत्वपूर्ण स्थान बा। चित्रगुप्त अपना समय के सभे प्रसिद्ध गीतकार – साहिर लुधियानवी, मजरूह सुल्तानपुरी, प्रेम धवन और राजेन्द्र कृष्ण के साथे काम कइनीं।

बॉलीवुड में आपन लोहा मनवा लेहला के बावजूद आपन माटी, आपन लोक-राग के इहाँ के ना बिसरवनीं। ‘पिया के गांव” फ़िल्म के मशहूर गीत ‘ जुग जुग जिय तू ललनवा’ आज भी हर छठी-बरही के मौका पर गाइल जाला।
ई अलग बात बा कि हिंदी फिल्म संगीत के एक से बढ़के एक कालजयी गीत देवे वाला संगीतकार चित्रगुप्त के ओइसन चर्चा कबो ना भईल जेकर उहाँ के हकदार रहनीं।
14 जनवरी, 1991 के चित्रगुप्त जी हमनीं के छोड़ के चल गइनीं लेकिन एतना वर्ष बाद भी उनके रचल गीत आजो फिजां में गूंज रहल बा जेमे कई भोजपुरी गीत के अलावा ‘‘तेरी दुनिया से दूर’’ , ‘‘चल उड़ जा रे पंक्षी, ‘‘इतनी नाजुक ना बनो’’, हुई हवा में झमझम, हमारे संग-संग चले गंगा की लहरें’’ ,‘‘मुझे दर्दे दिल का पता ना था’’ , ‘‘दिल का दिया जला के गया’’, ‘‘दो दिल धड़क रहे हैं’’ , ‘जाग दिले दीवाना, रंग दिल की धड़कन भी, अउरी “तुम्हीं हो माता पिता तुम्हीं हो”आदि प्रमुख बा। माटी के लाल अमर संगीतकार चित्रगुप्त के बेर-बेर नमन ।

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