प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – Gahana Live https://www.gahanalive.com Gahana Sun, 05 Apr 2020 12:41:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 कोरोना, दीप प्रज्ज्वलन और मिथिला की चित्रकला https://www.gahanalive.com/cultural-heritage/corona-diya-and-mithila-art-3541 https://www.gahanalive.com/cultural-heritage/corona-diya-and-mithila-art-3541#respond Sun, 05 Apr 2020 12:28:32 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=3541 आज जब कोरोना वाइरस के वैश्विक महामारी के समय भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी ने सभी भारतीयों से दीप प्रज्वन का आह्वान किया है तो बहुत सारी आलोचनात्मक बातें सोशल मीडिया पर सुनने, देखने को मिल रही है। ऐसे में एकाएक मिथिला में महिलाओं द्वारा संध्या बेला में संध्या पूजन हेतू दीप प्रज्वलित करने […]

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आज जब कोरोना वाइरस के वैश्विक महामारी के समय भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी ने सभी भारतीयों से दीप प्रज्वन का आह्वान किया है तो बहुत सारी आलोचनात्मक बातें सोशल मीडिया पर सुनने, देखने को मिल रही है। ऐसे में एकाएक मिथिला में महिलाओं द्वारा संध्या बेला में संध्या पूजन हेतू दीप प्रज्वलित करने के पीछे की अवधारणा पर नजर गयी । मिथिला में मिथिलानियों द्वारा दीप प्रज्वलन से पुर्व भूमि पर संध्या पूजन हेतू एक विशेष आकृति की अल्पना का रेखांकन किया जाता है । इस अल्पना की रेखा और बिंदु अपने आप मे विशिष्ट अर्थों को समेटे रखी होती है । तो आइए बिंदु और रेखाओं के पीछे मिथिला के भू-चित्रकला एवं तंत्र विज्ञान के गूढ़ार्थों से रूबरू हुआ जाय ।

मिथिला की भू-चित्रकला अरिपन/अल्पना
संध्या पूजन अरिपन

मिथिला में संध्या बेला के समय विवाहित मिथिलानियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर सांध्यदेवी की पूजा करने की परिपाटी सदियों से चलती आ रही है । इस हेतू मिथिलानियों द्वारा ब्रह्मांड और उसके अवयवों को ध्यान में रख त्रिगुण रूपी तीन रेखाओं से घिरे त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश का द्योतक तीन गुम्बद युक्त मंदिर आकृति वाले अरिपन का लेखन किया जाता है । इन रेखाओं के बीच दीपमाला रूपी और ऊपर आकाश के नक्षत्रों के रूप में छोटे-छोटे बिन्दुओ का निरूपण होता है । मंदिर के गुम्बदों के आधारस्वरूप शिव और शक्ति के प्रतीक दो रेखाओं का भी चित्रण पूर्व-पश्चिम दिशा में मंदिर के मुंडेर के ऊपरी हिस्से में किया जाता है । इस रेखा के नीचे की सामने वाली पट्टी में सूर्य, गणेश, अग्नि, दुर्गा और रुद्ररूपी मिथिला में प्रचलित पंचदेवताओं की अवधारणा के द्योतक रूप में पांच त्रिकोण का निर्माण किया जाता है । इन त्रिकोणों को नौ ग्रहों के प्रतीक नौ शून्याकार गोल पुष्प से सजाया जाता है । जिनके आधार रेखा को आकाश के प्रतीक के रूप में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर खींच मंदिर के ऊपरी भाग का निर्माण किया जाता है । इसके बाद मंदिर के स्तम्भ के रूप में छ लंबाकार रेखाएं खींची जाती है जो वसंत, हेमंत, ग्रीष्म, पावस, शरद और शिशिर रूपी छ ऋतुओं का प्रतिनिधि रेखाएं होती है । ये स्तम्भ रेखाएँ मंदिर के आधार रूप में त्रिकाल प्रातः, मध्याह्न और संध्या रूपी प्रतीक रेखाओं पर अवलंबित होती है । जिसके बीच के सफेद और लाल शून्याकार पुष्परूपी बिंदु दिन और रात्रि के द्योतक के रूप में निरूपित किये जाते हैं और पंद्रह छोटी-छोटी रेखाएँ पंद्रह दिवस निशा पक्ष के प्रतीक रूप में चित्रित किये जाते हैं । सबसे निचले भाग में धर्म, अर्थ, काम औऱ मोक्ष रूपी पुरुषार्थक तत्वों का समावेश तीन-तीन रेखाओं से घिरी मंदिर की चार सीढ़ियों का निरूपण किया जाता है और इस मंदिर के भीतर तीन रक्त बिंदुओं से युक्त कई त्रिकोणों से मिलकर बना देवी महागौरी के यंत्र का निर्माण किया जाता है । जो मंदिर रूपी शिव के शरीर मे आत्मा रूपी शक्ति का प्रतीक है । तद्पश्चात मंदिर के गुम्बज से लेकर नीचे चारों तरफ दीपों के प्रतीक बिंदुओं का निरूपण विश्व की सृष्टि के रूप में की जाती है ।
प्रस्तुत आलेख मिथिला चित्रकला के जानकार और क्राफ्टवाला के मैनेजिंग डाइरेक्टर राकेश कुमार झा का लिखा हुआ है।

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“इंटरनेशनल लिट्टी चोखा”….. जे खईलस कईलस ना धोखा https://www.gahanalive.com/news-politics/international-litti-chokha-je-khailes-kailas-na-dhokha-gahana-live-3120 https://www.gahanalive.com/news-politics/international-litti-chokha-je-khailes-kailas-na-dhokha-gahana-live-3120#respond Mon, 24 Feb 2020 08:27:29 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=3120 The post “इंटरनेशनल लिट्टी चोखा”….. जे खईलस कईलस ना धोखा appeared first on Gahana Live.

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लिट्टी चोखा के जादु कुछ अइसन चलल कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एकर स्वाद लेवे से अपना के रोक ना पवलें। राजपथ के लॉन में आयोजित हुनर हाट में जब प्रधानमंत्री पहुचनीं तब बिहार के लिट्टी चोखा उनके मन के खूब भाईल. रउआ सभे जानते बानी कि बिहार के लिट्टी चोखा सब केहु के भावेला. जेकरा बिना बिहार के पहचान अधूरा बा. जइसे एगो बिहारी सब पर भारी पड़ेला ओसही लिट्टी चोखा भी स्वाद के मामला में हुनर हाट में आपन पइठ बनावे में कामयाब हो गईल. प्रधानमंत्री के स्टॉल पर जइला के बाद खबर एह कदर फइलल कि हर कोई लिट्टी चोखा के स्वाद लेवे खातिर बेचैन हो गईल. अइसही लिट्टी चोखा के इंटरनेशनल ना कहल जाला. देखे में छोट अउर साधारण लागेवाला इ लिट्टी स्वाद में बड़ा निमन लागेला.

बिहारी लिट्टी चोखा
बिहारी लिट्टी चोखा

 

बुढ़े बच्चन अउर जवान से लेके हर कोई एकर स्वाद के चटखारा लेवत नजंर आइल. एही कारण रहे कि जवना लिट्टी चोखा के दाम पहिले सत्तर रूपया रहे ओकरे दाम बढ़ा के दुकानदार सौ रूपया कर देहले जब ओह दुकान पर मोदी जी खटिया पर बईठ के लिट्टी चोखा के आनंद ले लिहले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में चल रहल ‘हुनर हाट’ में आयेजित जवन शख्स के स्टॉल पर लिट्टी चोखा खईले रहनीं उ शख्स के नाम रंजन राज रहल, रंजन राज पटना के रहे वाला बाड़न। साथ ही रंजन राज ‘हुनर हाट’ के आयोजन करावे के खातिर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के शुक्रिया कहले।

 

 

एतना ही ना पीएम मोदी के लिट्टी चोखा खाये के बाद एक तरफ परिजन से मिले वाला बधाई त उहे दूसरे तरफ लिट्टी-चोखा खाये खातिर आवे वाला लोग के संख्या के देखके स्टॉल संचालक रंजन राज गदगद हो गईल. पीएम मोदी के लिट्टी चोखा खइला के चलते रंजन रोतों रात स्टार बल गइलें अउर लोग उनका संगे सेल्फी लेवे खातीर ताता लगा दिहलें.

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