कहल जाला कि प्रतिभा के कवनो आयु सीमा ना होला। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिला के रहे वाला चिराग ई साबित कर रहल बाड़ें। 12 साल के चिराग के 20 करोड़ तक के पहाड़ा जुबानी याद बा। कठिन से कठिन गणना ऊ बिना कॉपी पेन के मिनटों में हल कर सकेलन। चिराग के एह प्रतिभा से उनकर माता-पिता गदगद बाड़ें त शिक्षक भी स्वयं के चिराग के गुरू होखला पर गर्व सहसूस करेलन।
“होनहार बिरवान के होत चिकने पात”
सहरनपुर के नन्हा गणितज्ञ चिराग पर ई कहावत बिल्कुल सटिक बईठेला।
चिराग जब कक्षा चार में रहलन तबे उनकरा 300 तक के पहाड़ा याद रहल। उनकर उम्र तब महज आठ साल रहे। तब गणित अध्यापक राजेन्द्र सिंह इनकर प्रतिभा के पहचननीं आउर रोज ज्याद पहाड़ा याद करेके कहनीं आउर आज चिराग के 20 करोड़ तक के पहाड़ा जुबानी याद बा। कठिन से कठिन गणना ऊ बिना कॉपी पेन के मिनटों में हल कर सकेलन। चिराग के गणित के अध्यापक शिवचरण कहेलन ‘कि एह लईका में ई प्रतिभा जन्मजात बा।’
गरीब परिवार से बाने चिराग
आपके बता दीं कि चिराग राठी सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र के तिरपड़ी गांव के रहे वाला हवन। अद्भूत प्रतिभा के धनी चिराग बहुत गरीब परिवार से बाड़ें। चिराग के पिताजी किसान हवें। ऊ कहेलन कि किसानी से निकले वाला आय उनकरा परिवार के जीवन यापन करे खातीर पर्याप्त नईखे। उनकरा खातिर दू वक्त के रोटी जुटावल तक मुश्किल बा। अईसे में ऊ चिराग के कवनो बड़ा स्कूल में पढ़ावे में असमर्थ बाड़ें।
बैज्ञानिक बने के बा ख्वाब
चिराग तिरपड़ी गांव के पब्लिक स्कूल में कक्षा दस में पढ़ेलन। चिराग बहुत सारा प्रतियोगिता में पदक आउर प्रमाण पत्र भी जीत चुकल बाड़ें। ई प्रतिभावान बालक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पिछला साल 50 हजार रुपया के पुरस्कार प्राप्त कर चुकल बाड़ें। चिराग कहेलन कि ‘ऊ वैज्ञानिक बनके देश के नाम रोशन करिहें। अद्भूत प्रतिभा के धनी चिराग बहुत गरीब परिवार से बाड़ें। चिराग के पिता नरेंद्र सिंह आउर मां बबीता के कहनाम बा कि ‘चिराग के पढ़ाई खातीर सरकार कुछ मदद करो त ख्वाब पूरा हो जाई।’
डॉ एजीजे अब्दूल कलाम हईं रोल मॉडल
चिराग आपन रोल मॉडल दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के मानेलन। जब चिराग पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के बारे में पढ़लन त उहां से बहुते प्रभावित भईलन। जब उनकरा पता चलल कि अब्दुल कलाम गरीब परिवार से होखला के बावजूद देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचनी त ऊहो डॉ कलाम से प्रेरण पाके जमके मेहनत करेके ठान लेहलन।