Education – Gahana Live https://www.gahanalive.com Gahana Fri, 15 Nov 2019 08:06:47 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 चिल्ड्रेन्स डे पहिला प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के नामे काहे ? https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/childrens-day-first-prime-minister-pandit-jawaharlal-nehru-gahana-live-2339 https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/childrens-day-first-prime-minister-pandit-jawaharlal-nehru-gahana-live-2339#respond Fri, 15 Nov 2019 08:06:46 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=2339 The post चिल्ड्रेन्स डे पहिला प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के नामे काहे ? appeared first on Gahana Live.

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14 नवम्बर देश के पहिला प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू (चाचा नेहरू )के जन्मदिन होला. ई दिन भारत में “बाल दिवस”  के रूप में मनावल जाला. दिल्ली में त आबोहवा में घुलल जहरीला धुआं स्कूल बंद करा देहलस. एकोगो  छोट बच्चा एह खास दिन पर स्कूल ना पहुँच पावल. अलबत्ता देश भर में बच्चा लोग के डांस, कविता, भाषण, गाना, खेलकूद जईसन रंगारंग कार्यक्रम के दौर दिन भर चलल.

नेहरु जी
नेहरु जी

एह खास दिन हर साल के तरह एह साल भी सरकारी रस्म अदायगी आउर समापन करके घर वापसी भइल. अगला दिन फेरु पुराना ढर्रा पर वापसी? उहे सिलेबस, भारी बस्ता के मासूम कंधा पर बोझ, मां-बाप के सपना के ताबीर, हमेशा अव्वल रहे के बोझ लदले बच्चा सब अपना बचपन से बहुत दूर एगो बिना जिंदगी वाला दौड़ में शामिल दिखाई दिहें? लेकिन होखे के त कुछ अईसन चाहीं कि बचपन के एह खूबसूरत अवस्था में बच्चा लोग के आंख में उनकर खुद के देखल सपना होखे, उनकर आपन कल्पनाशक्ति होखे, उनकर आपन जीवन संगीत होखे, आपन एगो शैली होखे, आपन बनावल दोस्त होखे, अपने एगो दुनिया होखे. एगो अइसन दुनिया, जहां उ सब अपना मर्जी से खेलत-खात, पढ़ाई करत आउर दुनिया के आउर खूबसूरत बनावे के आपन तरीका खुद से निकाले, लेकिन लईकन के जिंदगी से इ सब गायब बा.

खास बात इ बा कि बचपन के सहेजे, संवारे आउर ख्वाब के उड़न खटोला पर बैठाके आसमान के बुलंदी पर पहुँचावे के  जिम्मेदारी जवने कंधां पर बा, उहे बचपन के कातिल बन बईठल बा आउर बचपन गायब करे के अपराध में शामिल बा?  चाहे उ माता-पिता होखे, शिक्षक होखे, बस्ता के बोझ मतलब हमनी के शिक्षा व्यवस्था होखे, चाहे समाज के  लचर राजनैतिक व्यवस्था, जहंवा बच्चा लोग के वर्तमान के फिक्र से ज्यादा भविष्य के उम्मीद हावी बा. हमनीं के ध्यान देवे के पड़ी कि बच्चा सब हमनीं के ओह एजेंडा में शामिल ना होखे .
एक ओर स्कूल मैनेजमेंट अपना फायदे के देख एह नन्हा कंधा पर बस्ता के बोझ बढ़ावता. ओहीजा दूसरा ओर एह बच्चा लोग के जल्दी से जल्दी गाना, डांस, ड्राइंग, तैराकी… सब कुछ सिखा देवे के आउर सब कुछ पा लेवे के अभिभावक के ख्वाहिश बच्चा के रचनात्मक मस्तिष्क पर दबाव डाल रहल बा. मां-बाप बच्चा के खड़ा होखे, चलेके सिखवले के उम्र में ओके स्कूल में बईठल सिखावल पसंद करे लागल बा. हमनी सब आत्मकेन्द्रित लोग अपना बच्चा के दोस्त भी चुने  के अधिकार अपना पास रखे लागल बानी जा . अपना बच्चा के दुनिया के अथाह समंदर में डुबकी लगावे के जगह हमनी के किनारे पर खड़ा होके बिना भीगल पानी के आनंद लेवे के कह रहल बानी जा . एगो कमरा में सुविधा उपलब्ध करावे के फेर में हमनी के जवने समय पर बच्चा के अधिकार रहे उ छिन लेहनी जा ? हमनी के बस मैरिट में आवे वाला बच्चा चाहीं. मोबाइल, गाड़ी ओकरे हाथ में थमाके आपन आर्थिक स्तर प्रदर्शित करे के होड़ में ओकर बचपन छीन रहल बानी जा .

अभिभावक लोग के लइकन के ना सुनेके भी आवेके चाहीं, लेकिन हमनीं के आपन बच्चा के ना सुने के नाहीं चाह तानी. हमनीं के  कुछ पावे खातीर लइकन के कईल गईल प्रयास के खत्म कर ओकर जद्दोजहद के प्रवृति के खत्म कर रहल बानी जा , जवन बचपन जीये के एगो सहज तरीका बा.

बच्चा कवनो भी सियासी दल के वोट बैंक नाहीं होला , एहिसे कवनो सरकार के राजनैतिक दल के प्राथमिकता में बच्चा शुमार नाहीं होलें. एहिसे उ शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल-कूद, अवसर के उपलब्धता में पिछड़ जाला . पूरा देश के लइकन के कुपोषण अपना चपेट में ले रहल बा, लेकिन केहू के फिक्र नाहीं बा. भारत में  कुपोषण से पैदा बीमारी के वजह से हर साल लाखन बच्चा के मौत हो जाला. 5 साल से कम उम्र के बच्चा के इ संख्या त हर साल 10 लाख से ऊपर बा.

देश में लइकन के खिलाफ आपराधिक आउर यौन शोषण के मामला लगातार बढ़त जाता. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ओर से 2016 में जारी कईल अपराध पर आधारित आखिरी रिपोर्ट कहता कि लइकन के साथ अपराध के दर 24 फीसदी तक पहुंच गईल बा. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बच्चन के साथ रेप केस दर्ज भईल. मध्य प्रदेश (2,467) के बाद महाराष्ट्र (2,292) आउर उत्तर प्रदेश (2,115)  दुगो अन्य सबसे बदनाम राज्य बा.

बच्चन के साथे शारीरिक  दुर्व्यवहार के बात कईल जाव त उत्तर प्रदेश 2,652 मामला के साथ सबसे आगे बा. एकरे बाद महाराष्ट्र (2,370) आउर मध्य प्रदेश (2,106) शर्म से सिर झुकावले खड़ा बा. पोर्नोग्राफी, सेक्सुअल हैरासमेंट के लगातार बढ़ रहल घटना बचपन के सपना धूल-धूसरित करके निराशा के सागर में गोता लगावेके छोड़ रहल बा.

अईसन लागता जइसे सिस्टम, सियासत, सत्ता , परिवार से लेके सब बचपन के खिलाफ खड़ा हो गईल बा, एह माहौल  में नेहरू के सपना के भारत कईसे  बनी, जहंवा हर बचपन के उन्मुक्त जिये के अवसर मिल सको.

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एगो जेल जहां शिक्षा के चलते, कैदी के सुधर रहल बा भविष्य https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/illiterate-prisoners-are-recruiting-education-for-future-golden-dreams-912 https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/illiterate-prisoners-are-recruiting-education-for-future-golden-dreams-912#respond Fri, 19 Jan 2018 14:06:12 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=912 The post एगो जेल जहां शिक्षा के चलते, कैदी के सुधर रहल बा भविष्य appeared first on Gahana Live.

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अलग-अलग अपराध में जेल में बंद कैदी जब बाहर आवेलें.. त कई बार उनकर सामने अनिश्चित भविष्य के अलावे कुछ ना होला। अइसन उ तमाम कैदियों खातीर जवन जेल से निकलके एगो बेहतर जिंदगी जीअल चाहेला, ओकरा खातीर धौलपुर जेल प्रशासन अनूठा पहल कइले बा। जेल में ही विचाराधीन बंदियों अउर कैदियों के समाज के मुख्यधारा से जोड़े खतीर शिक्षा के अलख जगावल जा रहल बा। खास बात इ ह कि जेल के अंदर पढ़े वाला भी कैदी ह अउर पढ़ावे वाला भी कैदी। भविष्य के सुनहरा सपना संजोके जिला जेल में बंद निरक्षर कैदी शिक्षा ग्रहण कर रहल बाड़न। शिक्षा लेवे वाला कैदियों में 20 साल से लेके 60 साल तक के कैदी शामिल बाड़न। जेल प्रशासन के मदद से हर दिन 11 बजे से एक बजे बजे तक जेल के बैरक में क्लास लागेला। जेल में क्लास चले से जहवां कैदियों में शिक्षा के लेके जागरुकता पैदा हो रहल बा, ओहिजे उनकर जीवन में भी एकर सकारात्मक प्रभाव देखे के मिल रहल बा। कैदी लोग के मन अउर विचार में बदलाव देखल जा रहल बा।

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बिहार में कॉलेज के अजब फरमान, लईकी खाती ड्रेस कोड लागू https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/dressing-code-has-been-started-in-bihars-college-570 https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/dressing-code-has-been-started-in-bihars-college-570#respond Sat, 09 Dec 2017 10:15:38 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=570 The post बिहार में कॉलेज के अजब फरमान, लईकी खाती ड्रेस कोड लागू appeared first on Gahana Live.

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शिक्षा व्यवस्था के बेहतर बनावे खातीर आजकाल कॉलेज प्रशासन नया-नया नियम निकला रहल बा। बाकि कुछ कॉलेज अइसनों बा जेकर नियम से शिक्षा व्यवस्था के कवनों लेन-देन नइखे। एह कड़ी में एक बार फिर बिहार के नाम आइल बा। जहवां के शिक्षा व्यवस्था प हमेशा ही उंगली उठत रहेला।

बिहार के पटना के मगध महिला कॉलेज में जीन्स अउर पटियाला सूट ना पहीने खातीर सख्त निर्देश दिहल गइल बा। साथ ही क्लास में मोबाइल रखला प भी मनाही हो गईल बा।

कॉलेज प्रशासन 2018 से नया ड्रेस कोड लागू करे जा रहल बा। जेह में  जीन्स, पटियाला सूट जइसन पहनावा  के वर्जित करल गइल बा। कहल जा रहल बा कि इ नियम समानता लावे  खातीर लागू करल  गइल बा।

कॉलेज के प्रिंसिपल शशि शर्मा कहली कि जवन भी  प्रतिबंध लगावल  गइल बा उ उचित बा। उनकर कहनाम बा कि इ नियम लइकिन से पूछ के लीहल गइल बा। अउर कवनों लड़की के इ नियम से कोई आपत्ति नइखे। उ कहली कि हम इ ड्रेस कोड सामाजिक असमानता के देख के लागू कइले बानी। शशि शर्मा आगे कहली कि मुस्लिम लड़कियां त पहिलहीं से जीन्स ना पहिनेली अउर हिन्दू लड़कियां जवन कपड़ा पहिनेली उ शर्मनाक ह।

Dressing code in collegeमोबाइल के बारे में शशि शर्मा के कहनाम बा कि मोबाइल क्लास में ना लेजइला से छात्रा लोग के ध्यान पढ़ाई में लागल रही। उ कहली कि कैंपस में मोबाइल खातीर फ्री जोन बनल बा।  जवन भी लड़की के बात करेके होयी, उहां जाके उ बात कर सकेली ।

अउर खास बात इ ह कि इह नियम के उल्लंघन खातीर दण्ड राशि भी लगावल गईल बा। अगर कवनों लड़की नियम के उल्लंघन करी त ओकरा के 1000 रुपया कॉलेज प्रशासन के देवे के पड़ी। छात्राओं के विरोध प प्रिंसिपल शर्मा कहली कि मुस्लिम लड़कियां त पहिलहीं से जीन्स ना पहिनेली सन। एह से ओहन लोग के त कवनों आपत्ति नईखे। बाकि हिन्दू लड़कियन के भी समझा लिहल गईल बा अउर ओहन लोग भी एह खातीर हामी भर देले बाड़ी।

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ना किताब ना कलम फिर भी पढ़ाई नम्बर वन, जानीं कईसे https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/no-book-nor-pen-still-number-one-in-study-188 https://www.gahanalive.com/bhojpuri-samachar/no-book-nor-pen-still-number-one-in-study-188#respond Tue, 31 Oct 2017 10:36:45 +0000 https://www.gahanalive.com/?p=188 The post ना किताब ना कलम फिर भी पढ़ाई नम्बर वन, जानीं कईसे appeared first on Gahana Live.

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देश में जहवां बच्चन के पढ़ाई के बोझ उनकर बैग से देखल जा सकेला….. ओहिजां एक गांव अइसन भी बा जउन बैग लेस यानी बिना बैग के पढ़ाई कराके एगो  मिसाल पेश कर रहल बा….

बैग लैस पढ़ाई से एह स्कूल में पढ़े वाला बच्चन के संख्या में बढोत्तरी हो रहल बा। इहां के शिक्षक लोग बच्चन के पढ़ावे खातीर एगो  नायाब तरीका निकलले बाड़न।  शिक्षक लोग लकड़ी के चौकोर गुटखन से खेल-खेल में ही पढ़ाई करावे के नया तरीका इजात कइले बाड़न।

आज से करीब दु साल पहिले कोगवार स्कूल के दुई शिक्षक लकड़ी के चौकोर अउर गोल गुटखा से सप्ताह के दिन के नाम से लेके गिनती,हिंदी,अंग्रेजी सहित सामान्य ज्ञान के पढ़ाई करावे के शुरुआत कइले रहन।  इहवां लकड़ी के चौकोर हिस्सा में अंक, हिंदी के वर्णमाला ,मात्रा,अंग्रेजी के अल्फाबेट्स के लिखके ओकरा  से खेल खेल के माध्यम से पढ़ाई करावल जाला।

आजकल इ नया तरीका से पहिला, दूसरा अउर तीसरा कक्षा के लईकन के पढ़ावल जा रहल बा अउर लईका लोग  भी खेल- खेल में मन लगाके पढ़ाई करल। जहवां इ आधुनिक युग में बच्चन के बस्ता के बोझ कम होखे के नाम नइखे लेवत ह, उहवां इ स्कूल  बैग लैस शिक्षा के माध्यम से देश के दूसरे स्कूलन के सामने  एगो मिसाल पेश कर रहल बा।

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